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साथी हाँथ बढ़ाना - ये एक सन्देश है ? या फिर सिर्फ एक गीत जो आज से कई दशक पहले लिखा गया था , कभी कभी सोंचता हूँ ये किस सोंच से लिखा गया होगा , क्योंकि आज हमारे युवा वर्ग को देख के ये बात कुछ जचती नहीं , क्योंकि आज के इस व्यस्त दौर में जहाँ हमारे युवा जन , राजनीति , फिल्मों , व खेलों में बढ़ चढ़ के भाग लेना चाहते है , वहाँ कि स्थति कुछ ठीक नहीं , क्योंकि हमें एक अच्छे सपोर्ट की ज़रुरत है , ठीक वहीँ हमसे पहले जो हमसे सीनियर है , वो ठीक हमें सपोर्ट देने के बजाए , हमारे मार्ग में अवरोध पैदा कर देते हैं , वो भी किस प्रकार का , कि क्या वह इस काम को कर पायेगा ? , क्वालिफिकेशन क्या है ? , क्या उम्र है ? , अभी बहुत छोटा है ? , इससे पहले कहीं काम-वाम किया है ?
इसमें सबसे बड़ा रिश्ता विश्वास का है , अगर हम अपने साथी पे विश्वास ही नहीं करेंगे , तो क्या वो आगे बढ़ पायेगा ? इन सब बातों से मेरा मतलब - कॉलेज रैगिंग व नौकरी के लिए इंटरव्यू से है ?
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प्रश्न - क्या कॉलेज रैगिंग से हमारे युवजन निपट सकते हैं , व इसका मानसिक प्रभाव क्या पड़ता है ?
उत्तर - कॉलेज रैगिंग , ये बहुत समय से एक अमानुषता भरा रिवाज हमारे कॉलेजों में चला आ रहा है , इसको रोकने का प्रयास तब तक हि विफ़ल है , जब तक आप अपने साथी पे विश्वास नहीं करेंगे , इसमें सबसे बड़ी गल्ती है हमारी दोहरी सोंच है , मान लीजिये एक युवा नया-नया कॉलेज में प्रवेश करता है , उसकी चाहत यही होती है , की वो ऐसा कार्य करे जिससे उसके मित्र व गुरुजन उससे प्रसन्न हों , व कॉलेज में उसकी छवि प्रकाशमय हो , लेकिन कुछ असफल छात्र उसके मार्ग में अवरोध पैदा करते है , वो भी किस लिए - क्या उन्हें जलन है ? , या फिर वो असफ़ल रहे ! ऐसा कुछ भी नहीं है ! क्योंकि उन्हें भी ठीक से सपोर्ट नहीं मिला , या फिर आप जैसा प्रकाशमय साथी उन्हें कहीं नहीं मिला ! इसमें सही से वार्तालाप करने की ज़रुरत है , न कि अपना वर्चस्व दिखाने की कि आप क्या हो या आपका किस्से रिलेशन है , इन सबसे बात का बतंगड़ ही बनेगा , क्योंकि वो भी तो युवा हैं , व इससे आपकी व उन छात्रों की मानसिक्ता व पढ़ाई पे भी प्रभाव पड़ेगा , बल्कि गहरा प्रभाव पड़ेगा !
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प्रश्न - नौकरी के लिए इंटरव्यू ! युवाजन कैसे निपटें ?
उत्तर - नौकरी के लिए इंटरव्यू देना वैसे कोई बड़ी बात नहीं , लेकिन देने जाते समय लगभग हर वर्ग के युवा कि यही सोच होती है कि , कहीं हमसे बढ़ कर कोई न आ जाए ? , कहीं कठिन प्रश्न पूँछ लिया तो ? , यार वो ज्यादा स्मार्ट है ? , लग रहा है जल्दी जवाब देना होगा , नहीं तो गए काम से ? , हाँ इतने में तो इतना बोझ लाद ही लिया , और वहाँ जाते जाते इतना नर्बस हो जाता है कि , सिर्फ बोझ ही बोझ लगता है ! और जब इंटरव्यू के अतिरिक्त प्रश्न उसके सामने बजने लगते है , जैसे कि - क्वालिफिकेशन क्या है ? , क्या उम्र है ? , अभी बहुत छोटा है ? , इससे पहले कहीं काम-वाम किया है ? तो इससे और भी नर्बस हो जाता है -
ज़रूरी क्या है ! नौकरी के लिए हो या फिर किसी भी प्रकार का इंटरव्यू , इंटरव्यू को सिर्फ इंटरव्यू ही माना जाए - मेरा मतलब इंटर + व्यू , अर्थात प्रवेश के लिए अवलोकन कराना , जिसको सिर्फ एक क्रिया ही समझी जाए तो बेहतर होगा , और भी जरूरी है खुद पे भी विशवास होना , क्योंकि अगर आपको विश्वास है , तो एक दिन आप कामयाब ज़रूर होंगे , अच्छे से बोल-चाल , व विश्वासपूर्ण जवाब , मेरा मतलब आपके सामने जो भी प्रश्न रक्खे जाए , उनका विश्वास के साथ साफ़-साफ़ जवाब , बाकी अगर आपने अच्छे से मेहनत की होगी तो आपको सफलता से कोई भी रोक नहीं पायेगा !
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इन दो प्रश्नों के आधार पर हमने ये दो वीडियो आज आपके सामने प्रस्तुत किये है - देखिएगा ज़रूर ---
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१ - साथी हाँथ बढ़ाना -
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२ - हम होंगे कामयाब -
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मित्रों व पाठकों आपकी मूल्यवान टिप्पणियों का सदः ही स्वागत है , टिप्पणी ज़रूर करें व ज़िन्दगी से सम्बंधित कोई भी प्रश्न आप बेझिझक पूंछे , व कोई सुझाव हो तो अवश्य दें , धन्यवाद !
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साथी हाँथ बढ़ाना - ये एक सन्देश है ? या फिर सिर्फ एक गीत जो आज से कई दशक पहले लिखा गया था , कभी कभी सोंचता हूँ ये किस सोंच से लिखा गया होगा , क्योंकि आज हमारे युवा वर्ग को देख के ये बात कुछ जचती नहीं , क्योंकि आज के इस व्यस्त दौर में जहाँ हमारे युवा जन , राजनीति , फिल्मों , व खेलों में बढ़ चढ़ के भाग लेना चाहते है , वहाँ कि स्थति कुछ ठीक नहीं , क्योंकि हमें एक अच्छे सपोर्ट की ज़रुरत है , ठीक वहीँ हमसे पहले जो हमसे सीनियर है , वो ठीक हमें सपोर्ट देने के बजाए , हमारे मार्ग में अवरोध पैदा कर देते हैं , वो भी किस प्रकार का , कि क्या वह इस काम को कर पायेगा ? , क्वालिफिकेशन क्या है ? , क्या उम्र है ? , अभी बहुत छोटा है ? , इससे पहले कहीं काम-वाम किया है ?
इसमें सबसे बड़ा रिश्ता विश्वास का है , अगर हम अपने साथी पे विश्वास ही नहीं करेंगे , तो क्या वो आगे बढ़ पायेगा ? इन सब बातों से मेरा मतलब - कॉलेज रैगिंग व नौकरी के लिए इंटरव्यू से है ?
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उत्तर - कॉलेज रैगिंग , ये बहुत समय से एक अमानुषता भरा रिवाज हमारे कॉलेजों में चला आ रहा है , इसको रोकने का प्रयास तब तक हि विफ़ल है , जब तक आप अपने साथी पे विश्वास नहीं करेंगे , इसमें सबसे बड़ी गल्ती है हमारी दोहरी सोंच है , मान लीजिये एक युवा नया-नया कॉलेज में प्रवेश करता है , उसकी चाहत यही होती है , की वो ऐसा कार्य करे जिससे उसके मित्र व गुरुजन उससे प्रसन्न हों , व कॉलेज में उसकी छवि प्रकाशमय हो , लेकिन कुछ असफल छात्र उसके मार्ग में अवरोध पैदा करते है , वो भी किस लिए - क्या उन्हें जलन है ? , या फिर वो असफ़ल रहे ! ऐसा कुछ भी नहीं है ! क्योंकि उन्हें भी ठीक से सपोर्ट नहीं मिला , या फिर आप जैसा प्रकाशमय साथी उन्हें कहीं नहीं मिला ! इसमें सही से वार्तालाप करने की ज़रुरत है , न कि अपना वर्चस्व दिखाने की कि आप क्या हो या आपका किस्से रिलेशन है , इन सबसे बात का बतंगड़ ही बनेगा , क्योंकि वो भी तो युवा हैं , व इससे आपकी व उन छात्रों की मानसिक्ता व पढ़ाई पे भी प्रभाव पड़ेगा , बल्कि गहरा प्रभाव पड़ेगा !
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उत्तर - नौकरी के लिए इंटरव्यू देना वैसे कोई बड़ी बात नहीं , लेकिन देने जाते समय लगभग हर वर्ग के युवा कि यही सोच होती है कि , कहीं हमसे बढ़ कर कोई न आ जाए ? , कहीं कठिन प्रश्न पूँछ लिया तो ? , यार वो ज्यादा स्मार्ट है ? , लग रहा है जल्दी जवाब देना होगा , नहीं तो गए काम से ? , हाँ इतने में तो इतना बोझ लाद ही लिया , और वहाँ जाते जाते इतना नर्बस हो जाता है कि , सिर्फ बोझ ही बोझ लगता है ! और जब इंटरव्यू के अतिरिक्त प्रश्न उसके सामने बजने लगते है , जैसे कि - क्वालिफिकेशन क्या है ? , क्या उम्र है ? , अभी बहुत छोटा है ? , इससे पहले कहीं काम-वाम किया है ? तो इससे और भी नर्बस हो जाता है -
ज़रूरी क्या है ! नौकरी के लिए हो या फिर किसी भी प्रकार का इंटरव्यू , इंटरव्यू को सिर्फ इंटरव्यू ही माना जाए - मेरा मतलब इंटर + व्यू , अर्थात प्रवेश के लिए अवलोकन कराना , जिसको सिर्फ एक क्रिया ही समझी जाए तो बेहतर होगा , और भी जरूरी है खुद पे भी विशवास होना , क्योंकि अगर आपको विश्वास है , तो एक दिन आप कामयाब ज़रूर होंगे , अच्छे से बोल-चाल , व विश्वासपूर्ण जवाब , मेरा मतलब आपके सामने जो भी प्रश्न रक्खे जाए , उनका विश्वास के साथ साफ़-साफ़ जवाब , बाकी अगर आपने अच्छे से मेहनत की होगी तो आपको सफलता से कोई भी रोक नहीं पायेगा !
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इन दो प्रश्नों के आधार पर हमने ये दो वीडियो आज आपके सामने प्रस्तुत किये है - देखिएगा ज़रूर ---
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१ - साथी हाँथ बढ़ाना -
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२ - हम होंगे कामयाब -
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मित्रों व पाठकों आपकी मूल्यवान टिप्पणियों का सदः ही स्वागत है , टिप्पणी ज़रूर करें व ज़िन्दगी से सम्बंधित कोई भी प्रश्न आप बेझिझक पूंछे , व कोई सुझाव हो तो अवश्य दें , धन्यवाद !
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मौज़ू सवाल उठाये हैं आपने बढ़िया पोस्ट सपोर्ट और स्पोर्ट्स में अंतर कर लें
ReplyDeleteसर धन्यवाद व सदः ही स्वागत है !
Deleteबहुत सुंदर पोस्ट !
ReplyDeleteसर धन्यवाद व सद: ही स्वागत हैं !
Deleteबहुत बढ़िया। पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ। अच्छा लगा।
ReplyDeleteमिथिलेश सर बहुत धन्यवाद जो आप हमारे ब्लॉग पर आये व सदस्य बने , सदः ही स्वागत है !
Deleteबहुत सुंदर पोस्ट !
ReplyDeleteरामकृष्ण सर धन्यवाद व स्वागत है !
Deleteयुवाओं के लिए ये सवाल उपयोगी हैं. रैगिंग से बचने के लिये युवाओं का स्वयं जागरूक होना आवश्यक है...
ReplyDeleteश्याम सर बहुत धन्यवाद जो आपका आगमन हुआ व स्वागत है !
Deleteसार्थक सवाल उठाये हैं आपने ... युवा वर्ग को जागरूक होना होगा ... सामने आना होगा ...
ReplyDeleteदिगंबर भाई धन्यवाद व स्वागत है !
Deletebahut achhi tarah vishleshn ke sath sundar aalekh
ReplyDeleteआ. उपासना जी धन्यवाद व सदः स्वागत है !
Deleteआपका ब्लॉग ब्लॉग कलश पर भी सम्मिलित किया जा रहा है
ReplyDeleteसर , बहुत धन्यवाद व स्वागत हैं !
Deleteवाह
ReplyDeleteअभिव्यक्ति बेजोड़
आ. धन्यवाद व स्वागत है |
Deleteआ. आपको भी श्रीराम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ व धन्यवाद |
ReplyDelete|| जय श्री हरिः ||
आवश्यक प्रश्न और सार्थक उत्तर..!!!
ReplyDeleteप्रियंका जी धन्यवाद जो आपका आगमन हुआ व स्वागत है !
Deleteसार्थक सवाल उठाये हैं आपने
ReplyDeleteसंजय भाई धन्यवाद व स्वागत है !
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